Saturday, 6 December 2008

मेरा घर आज से तुम्हारा है……

बुरी तरह जले ज़माना है ।
मेरे घर उनका आना-जाना है ॥

रात-दिन उनके ही बारे मे सोचता है ये …
दिल तो बस नाम का हमारा है ॥

जब भी आओगे , इज़ाफ़ा उम्र मे होगा ।
ज़िक्र हर बात मे तुम्हारा है ॥

पैर रखते हैं ज़मीं पर वो बडी नज़ाक़त से…
उनके क़दमों मे दिल हमारा है ॥

अब जो आना तो आना हमेशा के लिये ।
बिन तुम्हारे नही ग़ुज़ारा है ॥

बिखरा-बिखरा सा रहता है……सजा दो इसको ।
मेरा घर आज से तुम्हारा है ॥

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