रातों मे नींदें ,
नींदों मे सपने ,
सपनों मे बस एक तू ।
कोई नही है ,
इन लम्हों मे ,
बस एक मै………एक तू ॥
लेके फ़ूलों की खुशबू ,
फ़ूलों के रंग ,
चाँदनी रात मे--भीगी सी राह मे ।
लेके हाथों मे हाथ ,
चलते रहें ,
बस एक मै………एक तू ॥
इन पहाडों के नीचे ,
इस झील मे ,
लेके आँखों मे ख्वाब—छोटी सी नाव मे ।
सर को काँधे पे रख कर ,
बैठे रहें ,
बस एक मै.…………एक तू ॥
Saturday, 6 December 2008
उतारी है ज़मी पर चाँदनी………
उतारी है ज़मीं पर चाँदनी………ऐसे मे आ जाओ ।
फ़िज़ा मे घुल रही फूलों की खुशबू……तुम चले आओ ॥
न रक्खो हाथ चेहरे पे , न देखो यूं कनखियों से ।
ज़रा दीदार करने दे इन आँखों को……ना शर्माओ ॥
ज़ुबाँ खोलो , ना बोलो यूं निगाहों के इशारों से ।
न सुन पायेगी दुनिया अपनी बातों को……न घबराओ ॥
भरो न अश्क से आँखें , ज़माने के नज़ारों से ।
मेरी बाँहों मे ठुकरा के जहाँ सारा………चले आओ ॥
सजा दूं मै तेरा आँचल फ़लक़ के इन सितारों से ।
कभी तेरी भी ख्वाहिश थी यही ………अब ना ठुकराओ ॥
वो निकले घर से , आँचल को सजा कर इन सितारों से ।
मै खा जाऊं ना धोखा चाँद का ………ऐसे न भरमाओ ॥
फ़िज़ा मे घुल रही फूलों की खुशबू……तुम चले आओ ॥
न रक्खो हाथ चेहरे पे , न देखो यूं कनखियों से ।
ज़रा दीदार करने दे इन आँखों को……ना शर्माओ ॥
ज़ुबाँ खोलो , ना बोलो यूं निगाहों के इशारों से ।
न सुन पायेगी दुनिया अपनी बातों को……न घबराओ ॥
भरो न अश्क से आँखें , ज़माने के नज़ारों से ।
मेरी बाँहों मे ठुकरा के जहाँ सारा………चले आओ ॥
सजा दूं मै तेरा आँचल फ़लक़ के इन सितारों से ।
कभी तेरी भी ख्वाहिश थी यही ………अब ना ठुकराओ ॥
वो निकले घर से , आँचल को सजा कर इन सितारों से ।
मै खा जाऊं ना धोखा चाँद का ………ऐसे न भरमाओ ॥
मेरा घर आज से तुम्हारा है……
बुरी तरह जले ज़माना है ।
मेरे घर उनका आना-जाना है ॥
रात-दिन उनके ही बारे मे सोचता है ये …
दिल तो बस नाम का हमारा है ॥
जब भी आओगे , इज़ाफ़ा उम्र मे होगा ।
ज़िक्र हर बात मे तुम्हारा है ॥
पैर रखते हैं ज़मीं पर वो बडी नज़ाक़त से…
उनके क़दमों मे दिल हमारा है ॥
अब जो आना तो आना हमेशा के लिये ।
बिन तुम्हारे नही ग़ुज़ारा है ॥
बिखरा-बिखरा सा रहता है……सजा दो इसको ।
मेरा घर आज से तुम्हारा है ॥
मेरे घर उनका आना-जाना है ॥
रात-दिन उनके ही बारे मे सोचता है ये …
दिल तो बस नाम का हमारा है ॥
जब भी आओगे , इज़ाफ़ा उम्र मे होगा ।
ज़िक्र हर बात मे तुम्हारा है ॥
पैर रखते हैं ज़मीं पर वो बडी नज़ाक़त से…
उनके क़दमों मे दिल हमारा है ॥
अब जो आना तो आना हमेशा के लिये ।
बिन तुम्हारे नही ग़ुज़ारा है ॥
बिखरा-बिखरा सा रहता है……सजा दो इसको ।
मेरा घर आज से तुम्हारा है ॥
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